लघु उद्योगों में बढ़ते मानसिक तनाव का कारण और निवारण
Updated: Feb 13
हर कोई अपनी जिन्दगी में कुछ न कुछ हासिल करना चाहता है । लेकिन सबके साथ दिक्कत ये होती है कि किसी को भी सबकुछ चाहा गया हासिल नहीं हो पाता है । कुछ न पाने का मलाल केवल उन लोगों को ही रह जाता हैं, जो हिम्मत भरा कदम बार बार उठाने की कोशिश नहीं करते है । जिंदगी में कोशिश ही एक ऐसा जादुई शब्द है, जो मनचाही सफलता पाने के लिए इंसान को उकसाता रहता है ।
बार - बार कोशिश करते रहने से भी जब एक मुकाम नहीं मिल पाता है तो दिमाग और मन के बीच संघर्ष शुरु होने लगता है । ऐसा किसी भी नए काम या बिजनेस को शुरु करने के बाद अक्सर हर किसी के साथ होता है । समय रहते अगर दिमाग और मन को साधा नहीं जाता है तो मुश्किलें कम होने की जगह बढ़ने लगती है । मन कुछ और करना चाहता है और दिमाग मन के तर्कों को नहीं मानता है । इसका सीधा सीधा मतलब ये होता है कि कुछ पाने की दौड़ में हम कुछ ऐसा पीछे छोड़ते चले जाते है, जो हमारी लाइफ को हर तरह से बैलेंस करने के लिए जरुरी होता है।

अपना नया बिजनेस शुरु करने वालों के लिए मानसिक शांति को बनाएं रखना एक तरह से बहुत बड़ा चैलेन्ज होता है । अपनी आर्थिक समस्याओं से जूझते हुए, घर-परिवार और अपने सामाजिक स्तर को बनाएं रखने के साथ नए बिजनेस को लेकर हजार तरह की समस्याएं होती है । ऐसे में जब मन शांत न हो तो अपने ग्राहक और क्लाइंट को अच्छी तरह से संभाल पाना संभव नहीं हो पाता है । ग्राहक और क्लाइंट तो किसी भी बिजनेस की प्राणवायु होते हैं । एक संतुष्ट ग्राहक दस नए ग्राहकों को लेकर आता है ।
कला, हुनर और इंसान की भावनाओं से जुड़े हुए बिजनेस या स्टार्टअप के लिए ग्राहक को संतुष्ट करना और अपनी खुद की मानसिक शांति को भी बनाएं रखना - दो नावों पर पैर रखकर चलने जैसी बात होती है । कोई महिला अगर अपने नए बिजनेस को शुरु कर रही है तो उसके लिए ये कसौटी तो और भी ज्यादा मुश्किल हो जाती है । घर-परिवार और बच्चें महिलाओं की वो दुखती रग है जो उनके इस व्यवसायिक दायरें को सीमित कर देते हैं क्योंकि इस सब को संभालते हुए वो खुद मानसिक तौर पर इतनी परेशान हो जाती है कि फिर इसके अलावा उसे कुछ और करने को सूझता ही नहीं है । ऐसा नहीं है कि पुरुषों को अपने व्यवसायिक संबंधों और दायरों को मैनेज करने में किसी भी तरह की कोई मानसिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है । ऐसी दिक्कतें उसे भी आती है लेकिन वे अपनी परेशानियों का पिटारा अपने मन के अंदर छिपा कर रखते है, जिसका बुरा असर बहुत बाद में उनके स्वास्थ पर दिखाई देता है ।अपने मन की बात हर किसी से नहीं कही जा सकती लेकिन सही मौका और सही इंसान मिलने पर इसे कह देने में ही समझदारी होती है ।

अपने नए बिजनेस को सेट करने के साथ होने वाली मन से जुड़ी हुई समस्याओं का समाधान को लेकर Designs Insiders की अनूठी पहल तैय्यारी में इस बार उपस्थित हो रहे हैं मुंबई के जानेमाने बिहेवियरल कॉउन्सलर, सायकोलॉजिस्ट, लाइफ कोच और फ्रीलांसर ट्रेनर डॉक्टर एस नीलकंठन । डॉ. नील ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी प्रेस के साथ साथ देश विदेश की कई प्रतिष्ठित संस्थाओं में अपने ट्रेनिंग प्रोग्राम दे चुके है । वे अब तक २००० से ज्यादा वर्कशॉप के जरिए बिजनेस के क्षेत्र में अपना कदम आगे बढ़ाने वाले लाखों लोगो की जिंदगी को बड़ी आसान बना चुके हैं । अगर आप भी चाहते हैं कि डॉ. नील के मार्गदर्शन से आपके बिजनेस को भी फायदा हो तो २२ जनवरी २०२३ दोपहर ३ बजे का समय किसी को भी न दे ।

Designs Insiders के इस हफ्ते के INSTAGRAM LIVE Show में डॉ. नील आपके नए बिजनेस सेटअप के वक्त होने वाली परेशानियों को लेकर आपके मन की समस्याओं के समाधान को लेकर हाजिर होंगे । तारीख होगी २२ जनवरी, वक्त ३ बजे का और स्थान होगा इंस्टाग्राम लाइव शो ।
जुड़े रहे DESINGS INSIDERS के साथ अपने हुनर और बिजनेस को ऊंची उड़ान देने के लिए ।